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नमस्कार मित्रों ,
आज के इस लेख में हम राजस्थान राज्य में कोचिंग सेंटर से सम्बंधित कानून के बारे में जानेंगे कि आखिर राजस्थान में चल रहे कोचिंग संस्थानों को कैसे विनियमित किया जायेगा ?
राजस्थान राज्य में संचालित कोचिंग संस्थानों के प्रबंधक और संचालकों को राजस्थान सरकार द्वारा पारित विधेयक जो कि राजस्थान कोचिंग सेंटर ( नियंत्रण और विनियम ) 2025 इस कानून के बारें जानना चाहिए ताकि इस कानून का नियमित रूप से पालन किया जाये।
राजस्थान कोचिंग सेंटर ( नियंत्रण और विनियम ) 2025 का मुख्य उद्देश्य है कि राजस्थान में संचालित कोचिंग संस्थाओं में विभिन्न पाठ्यक्रम / परीक्षाओं और अन्य शैक्षिक प्रवेश की तैयारी कर रहे छात्रों के अधिकारों की रक्षा करना व् उनके मानसिक स्वास्थ्य को स्वास्थ्य तरीके से मजबूत करना और कोचिंग संस्थाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
राजस्थान कोचिंग सेंटर ( नियंत्रण व् विनियम ) 2025 क्या है और इसका उद्देश्य क्या है ?
1. राजस्थान कोचिंग सेंटर ( नियंत्रण व् विनियम ) 2025 क्या है ?
राजस्थान राज्य में चल रही कोचिंग सेंटरों को पंजीकृत , नियंत्रित , विनियमित करने के लिए राजस्थान सरकार ने कोचिंग सेंटर ( नियन्त्र व् विनियम ) 2025 कानून लागु किया है , जिसका मुख्य उद्देश्य है कि राजस्थान में संचालित सभी कोचिंग सेंटर इस कानून का पूरा पालन करे।
मुख्य उद्देश्य :-
1.कोचिंग सेंटर का पंजीकरण और प्राधिकरण।
राजस्थान में संचालित सभी कॉचिंग संस्थानों का पंजीकरण अनिवार्य है और विशेषकर जिस कोचिंग सेंटर में संख्या 50 या इससे अधिक विद्यार्थी है तो वे सभी प्राधिकरण के अधीन आएंगे।
2.कोचिंग सेंटर की फीस।
- कोचिंग सेंटर द्वारा ली जा रही मनमानी फीस पर नियंत्रण लगाना, ताकि विभन्न पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित ट्यूशन फीस उचित और युक्तियुक्त हो तथा निर्धारित फीस की रसीदें छात्रों को उपलब्ध हो।
- कोचिंग सेंटर में विद्यार्थी द्वारा चुने गये पाठ्यक्रम की निर्धारित फीस का पूर्ण भुगतान कर दिया गया है और वह पाठ्यक्रम की निर्धारित अवधि से पहले ही मध्य में कोचिंग छोड़ रहा है , तो विद्यार्थी को उस शेष कालावधि के लिए पहले से जमा पूर्ण फीस में से दस दिनों के भीतर अनुपातिक आधार पर वापस करनी होगी। विद्यार्थी कोचिंग सेंटर के छात्रावास में रह रहा है, तो छात्रावास फीस और भोजनालय फीस आदि भी इसी रीति से वापस होगी।
3. कोचिंग सेंटर में पढाई की समय सीमा व् मानसिक स्वास्थ की व्यवस्था।
विद्यार्थियों की पढाई की समय सीमा व् उनके मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जायेगा , जिसमे किसी भी विद्यार्थी के लिए एक दिन में 5 घंटे से अधिक क्लास नहीं होगी और साप्ताहिक अवकाश अनिवार्य होगा और साथ ही साथ विद्यार्थियों के मानसिक कल्याण के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्श उपलब्ध कराने हेतु व्यवस्था की जाएगी।
4. झूठे व् भ्रामक विज्ञापनों पर रोक।
.झूठे व् भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाना ताकि कोई भी कोचिंग संस्था ऐसा कोई भी विज्ञापन न प्रकाशित करे जो कि गलत मार्क्स या रैंक की गारंटी या भ्रामक कथन से सम्बंधित हो, ऐसे विज्ञापन पूर्ण रूप से प्रतिषेध है।
5. कोचिंग सेंटर की संरचना।
कोचिंग सेंटर की अवसंरचना सम्बन्धी आवश्यकता की पूर्ति करनी होगी जैसे कि :-
- कक्षा / बेंच,
- प्रति छात्र न्यूनतम कक्षा क्षेत्र,
- भवन अग्नि सुरक्षा कोड,
- भवन सुरक्षा कोड,
- प्राथमिक चिकित्सा किट,
- बिजली की व्यवस्था,
- पेयजल की व्यस्वथा,
- CCTV कैमरा,
- शिकायत पेटी/ शिकायत रजिस्टर,
- शिकायत निवारण समिति ,
- महिलाओ और पुरषों के अलग अलग शौचालयों की व्यवस्था की जाएगी।
- अन्य आवश्यक पूर्ति।
6. कोचिंग सेंटर की आचार संहिता।
राजस्थान राज्य में पंजीकृत कोचिंग सेंटर के लिए एक आचार संहिता होगी और इसका पालन करना अनिवार्य है।
- कक्षा और बैच में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या प्रॉस्पेक्टस में परिभाषित और वेबसाइट में प्रकाशित की जाएगी।
- प्रत्येक कक्षा में स्वस्थ शिक्षक – विद्यार्थी अनुपात।
- ट्यूटर्स तथा काउंसलरों के साथ सम्बन्ध बनाने के लिए अवसर सृजित करना।
- विद्यार्थी ट्यूटर से जुड़ने में सक्षम हो और स्क्रीन / ब्लैकबोर्ड तक पहुंच आसान और दृश्यमानता हो।
- विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम में नामंकम से पहले परीक्षाओं की कठनाई , पाठ्य विवरण , तैयारी की गहनता के स्तर और अपेक्षित प्रयासों के बारे में अच्छी तरह से अवगत कराया जाये।
- विद्यार्थियों को शैक्षिक वातावरण , संस्कृति जीवन वास्तविकताओं तथा विद्यालय स्तर की परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बिच अंतर् क बारें में जागरूक किया जायेगा।
- अभियांत्रिकी एवं चिकित्सा सस्न्थानों में प्रवेश के विकल्प के अलावा विद्यार्थियों को अन्य कैरियर विकल्पों की जानकारी प्रदान की जाये जिससे वे अपने भविष्य को लेकर तनावग्रस्त न हों और वैकल्पिक कैरियर विकल्प चुन सके।
- अभिभवकों को उनके प्रतिपाल्य के लिए , किसी कोचिंग संस्था में उन्हें नामांकित करने से पहले अभिवृत्ति टेस्ट का एक विकल्प दिया जा सजेगा जिसके द्वारा उनके कैरियर चुनाव से सम्बंधित एक सुविज्ञ निर्णय को समर्थ बनाया जा सके।
- कोचिंग सेंटर को विद्यार्धियों और अभिभावक के मध्य यह जागरूकता पैदा करनी चाहिए कि अत्यधिक महत्वकांक्षाएँ मानसिक दबाव का कारण बन सकती है।
- कोचिंग सेंटर अपने द्वारा संचालित निर्धारण परीक्षण के परिणाम को सार्वजनिक नहीं करेगा। निर्धारण परीक्षण को गोपनीय रखते हुए इसका उपयोग विद्यार्थियों के प्रदर्शन को नियमित विश्लेक्षण के लिए किया जाना चाहिए तथा जिस विद्यार्थीं के शैक्षणिक प्रदर्शन का क्षय हो रहा है उसे परामर्श प्रदान किया जाना चाहिए
- विद्यार्थियों के प्रदर्शन के आधार पर बैंचों का पृथक्क़रण नहीं किया जायेगा।
7. शिकायत निवारण प्रणाली।
कोचिंग सेंटर के विरुद्ध शिकयत / परिवाद दर्ज कराने के लिए जिला समिति का गठन किया जायेगा ताकि कोचिंग सेंटर के छात्र, अभिभावक या ट्यूटर / कमर्चारी द्वारा किसी प्रकार की समस्या होने पर समाधान न मिलने पर परिवाद दर्ज कराया जा सके। जिला समिति परिवाद प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर समुचित आदेश पारित कर सकेगी।
8.कोचिंग सेंटर द्वारा उल्लंघन करने पर जुर्माना और दण्ड का प्रावधान।
कोचिंग सेंटर द्वारा कोचिंग सेंटर ( नियंत्रण व् विनिमयम ) 2025 के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर जुर्माने और दंड का प्रावधान किया गया है।
- पहली बार उल्लंघन करने पर 2 लाख रूपये का जुर्माना ।
- दूसरी बार उल्लंघन करने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना
- इसे बाद भी उल्लंघन जारी रहा तो कोचिंग सेंटर का पंजीकरण रद्द कर दिया जायेगा।
- कोचिंग सेंटर उल्लंघन के जुर्माने की राशि भरने में असल रहता है तो यह राशि कोचिंग सेंटर के स्वत्वधारी से भूराजस्व के बकाया के रूप में वसूली की जा सकेगी।