उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने से इनकार करने संबंधी अक्टूबर 2023 के अपने फैसले की समीक्षा के अनुरोध वाली याचिकाओं पर नौ जनवरी को विचार करेगी।
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ इस मामले से जुड़ी करीब 13 याचिकाओं पर कक्षों में सुनवाई करेगी।
परंपरा के अनुसार, पुनर्विचार याचिकाओं पर न्यायाधीश अपने कक्ष में विचार करते हैं।
शीर्ष अदालत ने पुनर्विचार याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
वर्तमान प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना द्वारा 10 जुलाई 2024 को पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग करने के बाद नई पीठ का गठन किया गया था।
न्यायालय की कार्यसूची के अनुसार, पुनर्विचार याचिकाओं पर 9 जनवरी को अपराह्न लगभग 1.55 बजे विचार किया जाएगा।
[ad_1]
Source link

