सुप्रीम कोर्ट ने पलार नदी में गंभीर प्रदूषण से निपटने के लिए तमिलनाडु को दिए निर्देश

0
27

उच्चतम न्यायलय ने चमड़े के स्थानीय कारखानों से अनुपचारित अपशिष्ट छोड़े जाने के कारण तमिलनाडु में पलार नदी में गंभीर प्रदूषण को कम करने के लिए, पीड़ितों को मुआवजा देने समेत कई निर्देश जारी किए।

न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने तमिलनाडु सरकार को पारिस्थितिकी क्षति का आकलन करने और उसके समाधान के लिए उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक पैनल गठित करने को कहा।

अदालत ने कहा, ‘चमड़ा कारखानों से पलार नदी और आसपास के क्षेत्रों में अनुपचारित या आंशिक रूप से उपचारित अपशिष्ट छोड़े जाने से जल निकायों, भूजल और कृषि भूमि को अपूरणीय क्षति हुई है।’

यह फैसला ‘वेल्लोर जिला पर्यावरण निगरानी समिति बनाम तमिलनाडु राज्य’ शीर्षक वाली प्रमुख याचिका पर आया।

न्यायमूर्ति महादेवन ने फैसला सुनाते हुए प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने के अलावा प्रदूषण से निपटने के लिए प्रदूषणकारी उद्योगों से खर्च वसूलने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा, ‘राज्य सरकार को निर्देश दिया जाता है कि वह सभी प्रभावित परिवारों और व्यक्तियों को, यदि अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है, तो 7 मार्च 2001 और 24 अगस्त 2009 के निर्णय के अनुसार, आज से छह सप्ताह के अंदर मुआवजा दे।’



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here