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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि ” स्त्री धन क्या होता है ? इसके सम्बन्ध अन्य बातों को भी। अक्सर आप लोग समाचार पत्र या टीवी सीरियल या अन्य जगह इस शब्द स्त्री धन को सुनते होंगे कि किसी वस्तु के अधिकार के सम्बन्ध में सवाल उठता है तो कहा जाता है कि ये अमुक वस्तु स्त्री की है उसपर केवल उसी स्त्री का अधिकार जिसकी वह वस्तु है।
स्त्रीधन इस शब्द को जानने के बाद आप सभी के मन कई सवाल आएंगे जैसे कि :-
- स्त्री धन क्या है ?
- स्त्री धन में क्या -क्या चीजे शामिल होती है ?
- स्त्री धन और दहेज़ में अंतर् क्या है ?
- स्त्री धन पर महिला के क्या अधिकार है ?
- स्त्री धन को सुरक्षित रखने के लिए महिला के पास कानूनी उपाय क्या है ?
इन सभी सवालों के जवाब आपको विस्तार से मिलेंगे।
1.स्त्रीधन क्या है ?
शब्द स्त्रीधन से ही ज्ञात होने लगता है कि इसका सम्बन्ध स्त्री / महिला से वो भी ऐसी स्त्री /महिला जो विवाहित है क्योंकि विवाह के समय या उसके जीवन काल तक स्त्री / महिला को उसके माता -पिता से मिलने वाला उपहार ही स्त्री धन कहलाता है जिसका उसपर पूर्ण अधिकार होता है। स्त्रीधन के सम्बन्ध में स्त्री पूर्णरूप से स्वतंत्र होती है कि उसके उसका किस प्रकार से उपयोग करना है। यहाँ तक की उस स्त्री के पति का भी स्त्री धन में किसी भी प्रकार से कोई अधिकार शामिल नहीं होता है।
स्त्री धन में वर पक्ष (उसके पति ) की तरफ से या उसके रिश्तेदारों द्वारा दिया गया उपहार भी शामिल है जिनपर स्त्री का पूर्ण अधिकार होता है और यह भी स्त्री धन है।
2.स्त्रीधन में क्या क्या चीजे शामिल है ?
स्त्रीधन जो कि विवाहित स्त्री को उसके माता -पिता , पति और पति के रिशतेदारों की तरफ से दिया जाता है उसमे निम्न उपहार शामिल होते है , ये ऊपर धन , वस्तु या अन्य मूलयवान वस्तु हो सकती है। जैस कि :-
- नगदी,
- आभूषण ,
- संपत्ति ,
- अन्य मूल्यवान वस्तु।
3.स्त्रीधन और दहेज़ में अंतर् क्या ?
स्त्रीधन के अंतर्गत विवाह के समय वधु को उसके माता पिता से , वर के तरफ से और वर की तरफ के रिश्तेदारों की तरफ से मिलने वाले उपहार शामिल है , ये नगदी , आभूषण ,सम्पति या अन्य मूलयवान वस्तु है।
दहेज़ के अंतर्गत वर पक्ष की मांग पर वधु पक्ष की तरफ से दिया जाने वाला नगद, आभूषण, सम्पति या अन्य मूलयवान वस्तु शामिल है।
दहेज़ प्रतिषेध अधिनियम के तहत दहेज़ दण्डनीय अपराध है।
4. स्त्रीधन पर महिला के क्या -क्या अधिकार है ?
- स्त्रीधन जो की किसी भी महिला को उसके विवाह के समय उसके माता-पिता और पति और पति के रिश्तेदारों द्वारा दिए जाने वाले प्रत्येक उपहार जो कि धन, आभूषण, संपत्ति और मूल्यवान वस्तु है , इन सभी पर महिला का पूर्ण अधिकार होता है , ऐसे स्त्रीधन में स्त्री के पति का भी अधिकार नहीं होता है।
- स्त्रीधन में शामिल प्रत्येक वस्तु पर उस स्त्री को उसे अपने पास रखने का पूर्ण अधिकार होता है , उस पर उसका पूर्ण नियंत्रण होता है और वह उसे अपने अनुसार संग्रहित और उसका उपयोग कर सकती है।
- स्त्रीधन एक ऐसा धन है जो कि महिला विवाह विच्छेद / तलाक द्वारा अपने वैवाहिक घर को छोड़ती है तो वह अपने विवाह दौरान या बाद में पाए गए स्त्रीधन को अपने साथ ले जाने का पूर्ण अधिकार रखती है।
- स्त्री के उसके पति या उसके परिवार वाले महिला को उसके स्त्रीधन से वंचित करते है उसे अपने साथ ले जाने नहीं देते कोई समस्या खड़ी करते है , तो महिला अपने स्त्रीधन को पाने के लिए नजदीकी थाने में रिपोर्ट कर सकती है। ऐसी शिकायत पर कानून कड़ी कार्यवाही की जा सकती है।
5. स्त्रीधन को सुरक्षित रखने के लिए महिला के पास कानूनी उपाय क्या है ?
प्रत्येक स्त्री को अपने स्त्रीधन को सुरक्षित रखने के लिए इन कानून के बारें में जानना अति आवश्यक है , ताकि वे अपने स्त्रीधन से वंचित न हो पाए। यदि स्त्री को उसके स्त्रीधन से वंचित किया जाये तो वह उसे पाने के लिए कानूनी तरीका अपना सकती है।
- हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 1946 की धारा 14 .
- घरेलु हिंसा अधिनियम 2005 .
- भारतीय न्याय संहिता 2023