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नमस्कार मित्रों,
आज के इस लेख में हम जानेंगे DNA टेस्ट क्या होता है और DNA टेस्ट से कैसे होती है बच्चे की पहचान ? डीएनए इस शब्द को अक्सर विज्ञान और चिकिस्ता विद्यार्थी अपनी पाठ्क्रम में पढ़ते है उन्हें इसके बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है , लेकिन आम आदमी जिसने शब्द को न्यूज़ में या किसी मूवीज में सुना है , वो इसको संक्षिप्त में ही जानते है कि DNA टेस्ट होता है , यह व्यक्ति के जन्म लेने के चरण में विकसित होने लगता है , DNA किसी व्यक्ति की पहचान कराता है जैसे कि पिता- माता का उसके पुत्र की पहचान या अनुवांशिक रोगों के बारे में जानकरी प्राप्त करना।
DNA टेस्ट को लेकर आपके मन में कई सवाल होंगे जैसे कि :-
- डीएनए क्या होता है ?
- डीएनए का कार्य क्या है ?
- डीएनए टेस्ट क्या होता है ?
- डीएनए टेस्ट कैसे होता है और डीएनए टेस्ट से बच्चे की पहचान कैसे होती है ?
इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानेंगे।
1. DNA क्या होता है ?
DNA / डीएनए का पूर्ण नाम डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड ( deoxyribonucleic Acid ) है। काफी जटिल वैसे ही जैसे इसकी संरचना। डीएनए की संरचना जो की एक मुड़ी हुई सीढ़ी की आकार के जैसा दिखाई देता लेकिन यह एक डबल हेलिक्स के अकार का होता है।डीएनए अणु में चार प्रकार के रासायनिक क्षार होते है :-
- A (Adenine) एडेनिन
- G (Guanine) गुआनिन
- C (Cytosine) साइटोसीन
- T (Thymine) थाइमिन
ये एक विशिष्ट क्रम में A ↔T , C↔G जुड़कर अंततः एक न्यूक्लियोटाइड की संरचना करते है। A और G प्यूरीन है और C और Tपाइरीमिडीन है।
डीएनए अणुओं का एक ऐसा समूह है जो की वंशानुगत सामग्री या अनुवांशिक निर्देशों को माता – पिता से संतानों तक ले जाने और संचारित करने के लिए जिम्मेदार होता है।
डीएनए की संरचना कोआप इस चित्र के माध्यम से आसानी से समझ सकते है।
डीएनए जो प्रत्येक व्यक्ति के शरीर की प्रत्येक कोशिकाओं यानी सेल में पाया जाने वाला एक अणु यानी मॉलिक्यूल है जो कि अनुवांशिक जानकारी यानी जेनेटिक इनफार्मेशन को संग्रहित करता है। डीएनए प्रत्येक व्यक्ति किए शरीर की मूल संचरचना को परिभाषित करते है जिसमे किसी जीव की अनुवांशिक जानकारी का संगठन जिसमे जीन, एलील और उनके बीच के सम्बन्ध शामिल है। यह किसी जीव के लक्षणों, विकास और व्यवहार को निर्धारित करने में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
DNA का कार्य क्या है ?
- वंशानुगत सामग्री या अनुवांशिक निर्देशों को माता – पिता से संतानो तक ले जाने और संचारित करने में जिम्मेदार होता है।
- अनुवांशिक गुणों को पीढ़ी दर पीढ़ी संचारित करता है।
- प्रत्येक व्यक्ति में शरीर की प्रोटीन बनाने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है जो की शरीर के कार्य करने के लिए प्रोटीन आवश्यक है।
- जीन का निर्माण करते है, यही जीन प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक विशेषताओं जैसे कि रूप , रंग , आँखों का रंग, बालों का रंग, लम्बाई, बिमारियों की संभावना और अन्य विशेषताएं निर्धारित करना है।
2. डीएनए परीक्षण (DNA TEST) क्या होता है ?
डीएनए टेस्ट / डीएनए परीक्षण जिसे अनुवांशिक परीक्षण कहा जाता है जो कि चिकित्सा विज्ञान कि एक ऐसी प्रयोगशाला प्रक्रिया जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के डीएनए का विश्लेषण कर ऐसी जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है जो कि उस व्यक्ति की अनुवांशिकी, स्वास्थ्य, स्वास्थ्य जोखिम,पारिवारिक सम्बन्ध माता-पिता का पुत्र से और यहाँ तक कि उस व्यक्ति की पीढ़ियों से चली आ रही विषेशताओं के सम्बन्ध में मूल्यवान जानकारी बताने में सक्षम है।
डीएनए परीक्षण का उद्देश्य क्या है ?
डीएनए परीक्षण का उपयोग निम्न उदेश्यों की प्राप्ति के लिए किया जा सकता है, डीएनए परीक्षण के प्रकार जो कि :-
- वंशावली डीएनए परीक्षण :- पीढ़ियों से चली आ रही चिन्ह पेहचानों की पहचान कर पूर्वजों का पता लगाना।
- पितृत्व परीक्षण:- पिता का बच्चे से सम्बन्ध निर्धारित करना।
- मातृत्व परीक्षण :- माता का बच्चे से सम्बन्ध निर्धारित करना।
- भाई -बहन का डीएनए परीक्षण :- दो व्यक्तियों के जैविक माता-पिता एक ही है।
- स्वास्थ्य और अनुवांशिक परीक्षण :- वंशानुगत रोगो कि जानकरी प्राप्त करना ।
- फॉरेंसिक डीएनए परीक्षण :- आपराधिक जाँच में जैविक साक्ष्य बाल, रक्त, लार का संदिग्ध या पीड़ितों से मिलान कर साक्ष्य एकत्रित करना।
3. DNA TEST कैसे होता है और DNA TEST से बच्चे की पहचान कैसे होती है ?
डीएनए परीक्षण कैसे होता है ?
डीएनए परीक्षण की प्रक्रिया निम्नलिखित चार चरणों से गुजरती है , तक जाकर डीएनए परीक्षण की परिणाम निकल कर आता है।
- नमूना संग्रह।
- डीएनए निकालना।
- डीएनए प्रवर्धन।
- डीएनए विश्लेषण।
- डीएनए परिणाम की व्याख्या।
1. डीएनए नमूना संग्रह :- डीएनए परीक्षण के लिए व्यक्ति के डीएनए का नमुना एकत्रित किया जाता है जो कि निम्न विभिन्न तरीके है :-
- बुक्कल स्वैब।
- रक्त नमूना।
- बाल का नमूना।
- लार / थूक।
2. डीएनए निकलना :- डीएनए के लिए एकत्रित किये गए नमूने को डीएनए प्रयोगशाला में जाता है वहाँ इस नमूने को संसाधित किया जाता है , कोशिकाओं से डीएनए निकाला जाता है। यानी इस प्रक्रिया में कोशिकाओं को तोडा जाता है उसे प्रोटीन और अन्य अशुद्धियों को अलग कर डीएनए को शुद्ध किया जाता है।
3. डीएनए प्रवर्धन :- डीएनए प्रवर्धन यानी डीएनए प्रबलीकरण कहा जाता है जो कि एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे किसी विशिष्ठ डीएनए अनुक्रम की कई प्रतियां बनाई जाती है ताकि डीएनए शोधकर्ता को विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उतनी पर्यात्प मात्रा में डीएनए प्राप्त होता है ताकि वे अनुवांशिक परीक्षण , क्लोनिंग और फोरेंसिस विश्लेषण कर सके।
डीएनए प्रवर्धन एक ऐसी प्रक्रिया जो कि डीएनए के एक विशिष्ठ खंड की कई प्रतियां बनाने के लिए उपयोग की जाती है।
4. डीएनए विश्लेषण :- डीएनए विश्लेषण जिसे डीएनए फिंगरप्रिंटिंग भी कहा जाता है , जो कि एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे व्यक्ति के डीएनए के विशिष्ट अनुवांशिक मार्करों का विश्लेषण किया जाता है जैसे कि सिंगल न्यूक्लियोटाइड पॉलीमरोहिज्म (एसएनपी ) या शॉर्ट टेंडम रिपीट (एसटीआर ) , जो किए जा रह है परीक्षण के प्रकार पर निर्भर करता है। ये मार्कर हर व्यक्ति के लिए अद्वितीय होते है और उसके अनुवांशिक मेकउप के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करते है।
5. डीएनए परीक्षण प्रमाणों की व्याख्या:- डीएनए विश्लेषण के परिणाम परीक्षण के उद्देश्य से अलग अलग होते है जैसे कि :-
- पितृत्व एवं सम्बन्ध परीक्षण के परिणाम :-
डीएनए विश्लेषण के परीक्षण के परिणाम इस बात की सम्भावना का प्रतिशत दर्शाएंगे कि जिस व्यक्ति का परीक्षण किया गया है वह व्यक्ति बच्चे का जैविक माता -पिता या रिश्तेदार है।
पितृत्व परीक्षण आम तौर पर 99. 99 % निश्चित दर्शाता है कि जिस व्यक्ति का डीएनए परीक्षण किया गया है वह व्यक्ति बच्चे का जैविक पिता है या नहीं , या 0 % निश्चित दर्शाता है की वह व्यक्ति बच्चे का जैविक पिता नहीं है।
2. अनुवांशिक परीक्षण के परिणाम:– इस परीक्षण से मालूम चलता है कि क्या किसी व्यक्ति में कोई विशेष अनुवांशिक उत्परिवर्तन मौजूद है , जो किसी रोग के खतरे को बढ़ा सकते है या किसी रोग के विकास की सम्भावना का संकेत दे सकते है।
ये परिणाम रोग के निदान, रोग के विकास के जोखिम का आकलन या व्यक्ति के लिए सबसे उचित उपचार विकल्प को निर्धारित करने में सहायक होता है।
3. वंशावली परीक्षण के परिणाम:- वंश और जातीय मूल का पता लगाने के लिए इस परीक्षण का उपयोग किया जाता है।
4 स्वास्थ्य परीक्षण के परिणाम :- इस परीक्षण का उपयोग कुछ रोगो जैसे कि कैंसर, ह्रदय सम्बन्धी रोग या तांत्रिकी सम्बन्धी विकारों के लिए अनुवांशिक प्रवत्ति का पता लगा सके ताकि स्वास्थ्य सम्बन्धी निर्णय लेने और उचित उपचार देखभाल निवारण का फैसला लिया जा सके।
5. फॉरेंसिक परीक्षण के परिणाम:- इस परीक्षण का उपयोग आपराधिक जाँच के लिए किया जाता है। इस परीक्षण के परिणाम दर्शाते है कि किसी व्यक्ति की आपराधिक गतिविधि में होने की पहचान करना या अपराध स्थल पर डीएनए साक्ष्य की पहचान करना , संदिग्ध की पहचान करना, प्राचीनतम मामलों को सुलझाने में सहायक है।