
Waqf Bill Amendment : वक्फ बोर्ड की मनमानी रोकने के लिए लाए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को लेकर राज्यसभा में चर्चा चल रही है। विपक्ष के कई नेताओं, मौलानाओं और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सरकार को धमकी दी है कि अगर ये बिल पास हुआ तो देश की सड़कों पर आंदोलन होगा। जिसके बाद लॉ एंड ऑर्डर की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए देश भर में सुरक्षा अलर्ट है। कई राज्यों में Central Armed Police Forces (CAPF) की अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। यूपी में 25, हरियाणा में 9, बिहार में 6, गुजरात में 4, एमपी और महाराष्ट्र में 3-3 कंपनियां तैनात हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक पर समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि लोकसभा में सरकार ने जबरदस्ती इसे पास कराया है। हम सरकार को इसके लिए माफ नहीं करेंगे, ये 40 करोड़ मुसलमानों के हक छीनने वाला है। वक्फ बिल का सड़क से संसद तक विरोध करेंगे और जरुरत पड़ी तो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। वहीं सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि ये बिल मुसलमान विरोधी है। हम इसके खिलाफ सड़क पर उतरेंगे और तब तक प्रदर्शन करेंगे, जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेती।
उत्तर प्रदेश में वक्फ बिल को लेकर हाई अलर्ट है। सीएम योगी खुद हालात पर नजर रख रहे हैं। सबसे ज्यादा 25 CAPF कंपनियां यूपी में उतारी गई हैं। 4 अप्रैल की नमाज से पहले चौकसी और बढ़ी है। संभल से सहारनपुर तक फ्लैग मार्च किया जा रहा है और सभी जिलों में पुलिस लगातार गश्त कर रही है। यूपी में पुलिसकर्मियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं।
महाराष्ट्र में भी हाई अलर्ट है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सुरक्षा को लेकर अहम बैठक की है। पिछले दिनों जैसे नागपुर में प्रदर्शन के दौरान बवाल हुआ था, वैसी घटना ना हो इसके लिए प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए गए हैं। मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई है। मुंबई पुलिस भी पैनी नजर रख रही है और CAPF की 3 कंपनियां महाराष्ट्र में तैनात हैं।
राजधानी दिल्ली में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। CAA के विरोध में शाहीन बाग में भारी प्रदर्शन हुआ था। आशंका है कि फिर ऐसा विरोध-प्रदर्शन हो सकता है। इसलिए संवेदनशील इलाकों में कड़ी चौकसी बरती जा रही। दिल्ली पुलिस ड्रोन और CCTV कैमरे से भी नजर रख रही है।
बिहार में भी वक्फ बिल को लेकर हाई अलर्ट है। प्रदर्शन-विरोध को देखते हुए सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। बिहार में CAPF की 6 कंपनियां तैनात की गई है। सभी जिलों के SP-SSP को निर्देश दिए गए हैं कि कानून तोड़ने वालों पर सख्ती से एक्शन लिया जाए।
विपक्ष और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भले ही वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं। लेकिन कई मौलानाओं का मोदी सरकार को समर्थन मिला है। अजमेर शरीफ से जुड़े AISSC के अध्यक्ष नसीरुद्दीन चिश्ती ने वक्फ बिल के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया किया है। उन्होंने कहा है कि वक्फ बिल देश के लोकतंत्र की जीत है। ये मुसलमानों के हित के लिए उठाया गया सबसे बड़ा कदम है। भारतीय सूफी फाउंडेशन ने भी इसका स्वागत किया है। कशिश वारसी ने मोदी सरकार को बधाई देते हुए कहा कि वक्फ बिल गरीब मुसलमानों के लिए एक उपहार लेकर आया है। मुसलमानों का दोस्त कौन और दुश्मन कौन हैं सब साफ हो गया है।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने इसे भारत सरकार का साहसिक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इससे देश के मुसलमानों को फायदा होगा और वक्फ के नाम पर भ्रष्टाचार पर रोक भी लगेगी। मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना इब्राहिम हुसैन ने कहा कि इससे वक्फ में माफियागिरी खत्म होगी और वक्फ के नाम पर चल रही लूट-खसोट बंद होगी। इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष साजिद रशीदी ने कहा कि मैंने वक्फ बिल को पढ़ा है। ये बिल मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, इसका विरोध वही कर रहे हैं जिन्होंने कब्जे किए हैं। इस मुद्दे पर कुछ राजनीतिक दल बेनकाब हो गए हैं।
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